बनारस न्यूज डेस्क: रामनगर के गोलाघाट इलाके में रहने वाले मुकेश चौहान की मौत सोमवार को इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में हो गई। जैसे ही उसकी मौत की खबर मोहल्ले में फैली, पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया। आक्रोशित लोगों ने आरोपी के घर के बाहर हंगामा किया और फिर गुस्से में आकर इलाके के चौक-चौराहे पर चक्काजाम कर दिया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि अभी तक फरार चल रहे दो अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही दोषियों को फांसी देने और उनके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग भी की जा रही है। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष राजू सिंह ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी तब तक नहीं माने जब तक कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं पहुंचा।
घटना की शुरुआत 10 मई को हुई थी, जब मुकेश चौहान रात में अपनी मां के लिए दवा लेने बाजार जा रहा था। उसी दौरान मोहल्ले के ही नंदलाल यादव ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर पुरानी रंजिश के चलते मुकेश पर हमला कर दिया था। तीनों ने मिलकर लाठी-डंडों से उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और तभी से ट्रामा सेंटर में भर्ती था।
इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई है। रामनगर थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा अमीर बहादुर सिंह और अंशू पांडेय को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में डीसीपी काशी जोन ने सस्पेंड कर दिया है। उधर, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने भी इस पर नाराजगी जताई और मौके से ही कमिश्नर मोहित अग्रवाल से बात की। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे।